His stories and essays have been published in prestigious literary magazines such as Hans, India Today Literature Annual, among others.

Under the National Book Trust, he translated seven books into the Chhattisgarhi language for children under the National Education Policy 2020.

He translated the play "Jasma Odan" into Chhattisgarhi (unpublished) and contributed to the scholarly work "Utkirna Lekh Ka Parivardhan."

He is an editorial member of the research journal "Kosal."

He has received the Bilasa Award in 2008, Best Blog Commentator in 2011, the "Dharti-Putra" Award by Puri Peethadhishwar in 2013, India Today Cultural Award in 2019, and was honored at the Chhattisgarh Cultural Conference-2018 by the Assam Chhattisgarhi Arts-Culture Council.

Currently, he serves as a specialist in training and administration in educational and administrative institutions, focusing on cultural studies, self-study, and web archiving.

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लेखक:

राहुल कुमार सिंह

1958 में जन्मे राहुल कुमार सिंह अकलतरा, छत्तीसगढ़ निवासी हैं। पुरातत्व की शिक्षा प्राप्त की और शासकीय सेवा में रहे। अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टडीज के फेलो रहे। 500 से अधिक स्थलों का पुरातत्वीय-सांस्कृतिक सर्वेक्षण किया, जिनमें ताला, डीपाडीह, गढ़ धनोरा, भोंगापाल, डमरू आदि उत्खनन तथा लालबाग इंदौर, गूजरी महल ग्वालियर, और ओरछा अनुरक्षण-विकास परियोजनाओं में महती भूमिका निभाई।

मौलिक कृतियाँ : ‘एक थे फूफा’ उपन्यासिका, ‘सिंहावलोकन’ निबंध संग्रह, ‘संग्रहालय विज्ञान का परिचय’, ‘ताला का पुरा-वैभव’ (सहलेखन)।

हंस, इंडिया टुडे साहित्य वार्षिकी आदि प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में कहानी, निबंध प्रकाशित।

राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अंतर्गत बच्चों के लिए द्विभाषी संस्करण की सात पुस्तकों का छत्तीसगढ़ी भाषा में अनुवाद।

नाटक ‘जसमा ओड़न’ का छत्तीसगढ़ी अनुवाद (अप्रकाशित)। प्रामाणिक अभिलेखीय ग्रंथ ‘उत्कीर्ण लेख का परिवर्धन।

शोध-पत्रिका ‘कोसल’ के संपादक सदस्य।

बिलासा सम्मान 2008, श्रेष्ठ ब्लॉग विचारक 2011, पुरी पीठाधीश्वर द्वारा 2013 में ‘धरती-पुत्र’ सम्मान तथा 2019 में इंडिया टुडे संस्कृति सम्मान, असम छत्तीसगढ़ी कला-कृष्टि परिषद के छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक संमिलन-2018 में सम्मानित।

संप्रति : शैक्षणिक, प्रशासनिक संस्थानों में प्रशिक्षण-विशेषज्ञ । संस्कृति विषयक स्वाध्याय और वेब-अभिलेखन।

छत्तीसगढ़ का लोक-पुराण : मनोमय गाँवों का बहुरूप

राहुल कुमार सिंह

मूल्य: $ 10.95

"छत्तीसगढ़ की भाषा, बोली और नामों की इस खोज में लिपटा एक लंबी खोज।"

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